इस कोर्स में शामिल हैं
यह कोर्स कलर कैप्सिकम यानी रंगीन शिमला मिर्च की वैज्ञानिक तरीके से खेती करना सिखाएगा। यह कोर्स कलर कैप्सिकम उगाने से लेकर अच्छी कीमत पर बाजार में बेचने तक कदम दर कदम आपका मार्गदर्शन करेगा। इस कोर्स में रंगीन शिमला मिर्च की खेती से जुड़े हर पहलू को शामिल किया गया है। इस कोर्स के माध्यम से आप कलर कैप्सिकम की खेती के तौर तरीके अच्छे से सीख पाएंगे।
रंगीन शिमला मिर्च की खेती कैसे शुरू करें। इसकी खेती शुरू करने के लिए कितना पैसा चाहिए होगा। और किस तरह की जमीन और जलवायु में रंगीन शिमला मिर्च की खेती अच्छे से होती है। साथ ही आप ये भी जान पाएंगे कि कलर कैप्सिकम की खेती करने के लिए सरकार से किस तरह की सुविधाएं और सब्सिडी मिलती है, जिनका आप फायदा उठा सकते हैं।
यह कोर्स विभिन्न प्रकार की रंगीन शिमला मिर्च के बारे में विस्तार से बताता है। खासतौर पर मिट्टी के अलग—अलग प्रकार के बारे में जो कलर कैप्सिकम के अनुकूल होती हैं। कलर कैप्सिकम की प्रभावी ढंग से सिंचाई कैसे करें और खेत की देखभाल के लिए कितने श्रमिक चाहिए होंगे? रंगीन शिमला मिर्च की फसल में लगने वाले कीटों और बीमारियों से बचाव के तरीके आप इस कोर्स में सिखेंगे। इस कोर्स को देखकर आप फसलों की अच्छी तरह देखभाल करना सीख सकते हैं?
जब कलर कैप्सिकम की फसल तैयार हो जाए तो मिर्च तुड़ाई कैसे करनी है। मिर्च तुड़ाई के बाद बाजार में लेकर जाने की प्रक्रिया क्या है? मार्केटिंग कैसे करनी और विदेश में निर्यात कैसे करना है। ये सभी जानकारी आपको इस कोर्स में मिलेगी। यह कोर्स आपको ऐसे तौर तरीके बताता है, जो रंगीन शिमला मिर्च की खेती के फायदे और खर्च से जुड़े हैं, जो आपको पहले कभी नहीं बताए गए हैं। यह कोर्स रंगीन शिमला मिर्च की खेती में पेश आने वाली चुनौतियों के बारे में बताता है। साथ ही इन चुनौतियों से आप कैसे पार पा सकते हैं, ये भी सिखाता है।
यह कोर्स एक तरह से रंगीन शिमला मिर्च की खेती को कुछ ही समय में लाभदायक बनाने के लिए एक उन्नत मार्गदर्शिका है। रंगीन शिमला मिर्च को व्यावसायिक सब्जी फसल माना जाता है। कलर कैप्सिकम को मीठी मिर्च या शिमला मिर्च के नाम से भी जाना जाता है। यह विटामिन ए और सी से भरपूर होता है। इसकी खेती पॉली हाउस, ग्रीन हाउस या खुले खेतों में आसानी से की जा सकती है। घरेलू बाजार में उपयोग के अलावा इसे विदेशों में निर्यात भी किया जाता है। रंगीन शिमला मिर्च का बाजार इस समय दुनियाभर में फलफूल रहा है। खासतौर से वैश्विक बाजार में बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। अपना व्यवसाय स्थापित करने से पहले आपको कुछ चीजें समझने की आवश्यकता है। कलर कैप्सिकम की अच्छी कीमत पाने के लिए मार्केटिंग रणनीति जानना जरूरी है। इसके साथ ही बेहतर उत्पादन के लिए रंगीन शिमला मिर्च की खेती की बुनियादी समझ भी जरूरी है। इनके अलावा और भी कई ऐसे पहलू हैं, जिन्हें जानना जरूरी है। कलर कैप्सिकम की खेती करते समय पूरी जानकारी होना फायदेमंद होता है। रंगीन शिमला मिर्च की खेती शुरू करने से लेकर कलर कैप्सिकम को बाजार में बेचने तक यह कोर्स आपको पूरी तरह से गाइड करेगा। इस कोर्स को इस तरह से बनाया गया है कि आपको सभी सवालों के जवाब मिल सके। इस कोर्स को देखने और समझने के बाद आप रंगीन शिमला मिर्च की खेती करना पूरी तरह से सीख जाएंगे। और आप बन जाएंगे स्मार्ट किसान, जो एक एकड़ से लाखों रूपए कमाता है।
महाराष्ट्र में विदर्भ इलाके के रहने वाले सुहास बाली कलर कैप्सिकम की खेती करने वाले कामयाब किसान है। सुहास की कामयाबी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फाइनेंस और मार्केटिंग में एमबीए डिग्रीधारी सुहास ने खेती करने के लिए बड़ी कंपनी की नौकरी छोड़ दी। कलर कैप्सिकम की खेती शुरू करने से पहले सुहास ने ग्रीन हाउस तकनीक के बारे में सीखा। आधुनिक कृषि तकनीक, मौजूदा ट्रेंड और बाजार के बारे में रिसर्च करने के बाद ग्रीनहाउस में कलर कैप्सिकम की खेती शुरू की। सुहास ने शुरूआत में छोटे स्तर पर ग्रीनहाउस में रंगीन शिमला मिर्च की खेती शुरू की।
बाद में धीरे धीरे उन्होंने पॉली हाउस की खेती का विस्तार किया। सुहास अपने खेत में लाल और पीले रंग की शिमला मिर्च का उत्पादन करते हैं। वर्तमान में उनके पास 25 पॉली हाउस फार्म हैं। आज सुहास एक एकड़ से सालाना लाखों रूपए कमाई करते हैं। सुहास के फार्म में उगाई जाने वाली शिमला मिर्च की आपूर्ति मुंबई, हैदराबाद, बैंगलोर और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में की जाती है।